होली सिर्फ एक त्योहार या परंपरा ही नहीं है, बल्कि यह
पर्यावरण से लेकर आपकी सेहत के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है।
होली मनाने का धार्मिक कारण तो आप जानते ही हैं,
लेकिन क्या आप इसका वैज्ञानिक कारण भी जानते हैं?
जानिए होली पर्व से जुड़े कुछ वैज्ञानिक तथ्य......
पर्यावरण से लेकर आपकी सेहत के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है।
होली मनाने का धार्मिक कारण तो आप जानते ही हैं,
लेकिन क्या आप इसका वैज्ञानिक कारण भी जानते हैं?
जानिए होली पर्व से जुड़े कुछ वैज्ञानिक तथ्य......
वैज्ञानिकों का कहना है कि हमें अपने पूर्वजों का शुक्रगुजार
होना चाहिए कि उन्होंने वैज्ञानिक दृष्टि से बेहद उचित समय पर
होली का त्योहार मनाने की शुरूआत की। लेकिन होली के
त्योहार की मस्ती इतनी अधिक होती है कि लोग इसके
वैज्ञानिक कारणों से अंजान रहते हैं।
होना चाहिए कि उन्होंने वैज्ञानिक दृष्टि से बेहद उचित समय पर
होली का त्योहार मनाने की शुरूआत की। लेकिन होली के
त्योहार की मस्ती इतनी अधिक होती है कि लोग इसके
वैज्ञानिक कारणों से अंजान रहते हैं।
होली का त्योहार साल में ऐसे समय पर आता है जब मौसम में
बदलाव के कारण लोग उनींदे और आलसी से होते हैं। ठंडे मौसम
के गर्म रुख अख्तियार करने के कारण शरीर का कुछ थकान और
सुस्ती महसूस करना प्राकृतिक है। शरीर की इस सुस्ती को दूर
भगाने के लिए ही लोग फाग के इस मौसम में न केवल जोर से
गाते हैं बल्कि बोलते भी थोड़ा जोर से हैं।
बदलाव के कारण लोग उनींदे और आलसी से होते हैं। ठंडे मौसम
के गर्म रुख अख्तियार करने के कारण शरीर का कुछ थकान और
सुस्ती महसूस करना प्राकृतिक है। शरीर की इस सुस्ती को दूर
भगाने के लिए ही लोग फाग के इस मौसम में न केवल जोर से
गाते हैं बल्कि बोलते भी थोड़ा जोर से हैं।
इस मौसम में बजाया जाने वाला संगीत भी बेहद तेज होता है। ये
सभी बातें मानवीय शरीर को नई ऊर्जा प्रदान करती हैं। इसके
अतिरिक्त रंग और अबीर (शुद्ध रूप में) जब शरीर पर डाला जाता है
तो इसका उस पर अनोखा प्रभाव होता है।
योगाश्रम के डॉ. प्रधान के अनुसार, होली पर शरीर पर ढाक के
फूलों से तैयार किया गया रंगीन पानी, विशुद्ध रूप में अबीर और
गुलाल डालने से शरीर पर इसका सुकून देने वाला प्रभाव पड़ता है
और यह शरीर को ताजगी प्रदान करता है। जीव वैज्ञानिकों का
मानना है कि गुलाल या अबीर शरीर की त्वचा को उत्तेजित
करते हैं और पोरों में समा जाते हैं और शरीर के आयन मंडल को
मजबूती प्रदान करने के साथ ही स्वास्थ्य को बेहतर करते हैं और
उसकी सुदंरता में निखार लाते हैं।
सभी बातें मानवीय शरीर को नई ऊर्जा प्रदान करती हैं। इसके
अतिरिक्त रंग और अबीर (शुद्ध रूप में) जब शरीर पर डाला जाता है
तो इसका उस पर अनोखा प्रभाव होता है।
योगाश्रम के डॉ. प्रधान के अनुसार, होली पर शरीर पर ढाक के
फूलों से तैयार किया गया रंगीन पानी, विशुद्ध रूप में अबीर और
गुलाल डालने से शरीर पर इसका सुकून देने वाला प्रभाव पड़ता है
और यह शरीर को ताजगी प्रदान करता है। जीव वैज्ञानिकों का
मानना है कि गुलाल या अबीर शरीर की त्वचा को उत्तेजित
करते हैं और पोरों में समा जाते हैं और शरीर के आयन मंडल को
मजबूती प्रदान करने के साथ ही स्वास्थ्य को बेहतर करते हैं और
उसकी सुदंरता में निखार लाते हैं।
होली का त्योहार मनाने का एक और वैज्ञानिक कारण है।
हालांकि यह होलिका दहन की परंपरा से जुड़ा है। शरद ऋतु
की समाप्ति और बसंत ऋतु के आगमन का यह काल पर्यावरण
और शरीर में बैक्टीरिया की वृद्धि को बढ़ा देता है लेकिन जब
होलिका जलाई जाती है तो उससे करीब 145 डिग्री
फारेनहाइट तक तापमान बढ़ता है।
हालांकि यह होलिका दहन की परंपरा से जुड़ा है। शरद ऋतु
की समाप्ति और बसंत ऋतु के आगमन का यह काल पर्यावरण
और शरीर में बैक्टीरिया की वृद्धि को बढ़ा देता है लेकिन जब
होलिका जलाई जाती है तो उससे करीब 145 डिग्री
फारेनहाइट तक तापमान बढ़ता है।
परंपरा के अनुसार जब लोग जलती होलिका की परिक्रमा करते हैं
तो होलिका से निकलता ताप शरीर और आसपास के पर्यावरण में
मौजूद बैक्टीरिया को नष्ट कर देता है। और इस प्रकार यह शरीर
तथा पर्यावरण को स्वच्छ करता है।
दक्षिण भारत में जिस प्रकार होली मनाई जाती है, उससे यह
अच्छे स्वस्थ को प्रोत्साहित करती है। होलिका दहन के बाद इस
क्षेत्र में लोग होलिका की बुझी आग की राख को माथे पर
विभूति के तौर पर लगाते हैं और अच्छे स्वास्थ्य के लिए वे चंदन तथा
हरी कोंपलों और आम के वृक्ष के बोर को मिलाकर उसका सेवन
करते हैं।
तो होलिका से निकलता ताप शरीर और आसपास के पर्यावरण में
मौजूद बैक्टीरिया को नष्ट कर देता है। और इस प्रकार यह शरीर
तथा पर्यावरण को स्वच्छ करता है।
दक्षिण भारत में जिस प्रकार होली मनाई जाती है, उससे यह
अच्छे स्वस्थ को प्रोत्साहित करती है। होलिका दहन के बाद इस
क्षेत्र में लोग होलिका की बुझी आग की राख को माथे पर
विभूति के तौर पर लगाते हैं और अच्छे स्वास्थ्य के लिए वे चंदन तथा
हरी कोंपलों और आम के वृक्ष के बोर को मिलाकर उसका सेवन
करते हैं।
कुछ वैज्ञानिकों का यह भी मानना है कि रंगों से खेलने से
स्वास्थ्य पर इनका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है क्योंकि रंग
हमारे शरीर तथा मानसिक स्वास्थ्य पर कई तरीके से असर
डालते हैं। पश्चिमी फीजिशियन और डॉक्टरों का मानना है
कि एक स्वस्थ शरीर के लिए रंगों का महत्वपूर्ण स्थान है।
स्वास्थ्य पर इनका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है क्योंकि रंग
हमारे शरीर तथा मानसिक स्वास्थ्य पर कई तरीके से असर
डालते हैं। पश्चिमी फीजिशियन और डॉक्टरों का मानना है
कि एक स्वस्थ शरीर के लिए रंगों का महत्वपूर्ण स्थान है।
हमारे शरीर में किसी रंग विशेष की कमी कई बीमारियों को जन्म
देती है और जिनका इलाज केवल उस रंग विशेष की आपूर्ति करके ही
किया जा सकता है।
होली के मौके पर लोग अपने घरों की भी साफ-सफाई करते हैं
जिससे धूल गर्द, मच्छरों और अन्य कीटाणुओं का सफाया हो
जाता है। एक साफ-सुथरा घर आमतौर पर उसमें रहने वालों को सुखद
अहसास देने के साथ ही सकारात्मक ऊर्जा भी प्रवाहित करता है।
देती है और जिनका इलाज केवल उस रंग विशेष की आपूर्ति करके ही
किया जा सकता है।
होली के मौके पर लोग अपने घरों की भी साफ-सफाई करते हैं
जिससे धूल गर्द, मच्छरों और अन्य कीटाणुओं का सफाया हो
जाता है। एक साफ-सुथरा घर आमतौर पर उसमें रहने वालों को सुखद
अहसास देने के साथ ही सकारात्मक ऊर्जा भी प्रवाहित करता है।
होली के रंग कहीं प्राकृतिक तो कहीं केमिकल युक्त होते हैं,
लेकिन रंग कोई भी हो, बालों पर इनका असर नकारात्मक ही
होता है। होली के रंगों से बालों को सुरक्षित रखने के लिए
जरूर जानिए यह 5 टिप्स, ताकि आपके बालों को रंगों की
नजर न लगे -
लेकिन रंग कोई भी हो, बालों पर इनका असर नकारात्मक ही
होता है। होली के रंगों से बालों को सुरक्षित रखने के लिए
जरूर जानिए यह 5 टिप्स, ताकि आपके बालों को रंगों की
नजर न लगे -
1 होली खेलने के पहले बालों पर नारियल तेल, जैतून तेल और
बादाम के तेल को मिलाकर अच्छी तरह से मसाज करें ताकि
सारे बालों पर तेल अच्छी तरह से लग जाए। इससे होली का रंग
बालों को नुकसान नहीं पहुंचा पाएगा।
बादाम के तेल को मिलाकर अच्छी तरह से मसाज करें ताकि
सारे बालों पर तेल अच्छी तरह से लग जाए। इससे होली का रंग
बालों को नुकसान नहीं पहुंचा पाएगा।
2.होली खेलने के पहले आप चाहें तो बालों पर प्लास्टिक
मास्क भी लगा सकते हैं, ताकि बालों को पूरी तरह से
सुरक्षित रखा जा सके। इससे बाल रंगों और गीलेपन से बचे रहेंगे
और होली भी मन जाएगी।
मास्क भी लगा सकते हैं, ताकि बालों को पूरी तरह से
सुरक्षित रखा जा सके। इससे बाल रंगों और गीलेपन से बचे रहेंगे
और होली भी मन जाएगी।
3. होली खेलते समय बालों को बार-बार पानी से धोते रहें,
ताकि बालों पर लगा रंग निकलता रहे। होली खेलने के बाद
भी पहले बालों को साफ पानी से धोएं, उसके बाद शैंपू या
अन्य संसाधनों को प्रयोग करें।
ताकि बालों पर लगा रंग निकलता रहे। होली खेलने के बाद
भी पहले बालों को साफ पानी से धोएं, उसके बाद शैंपू या
अन्य संसाधनों को प्रयोग करें।
4. बाल धोने के लिए कोशिश करें, कि हर्बल शैंपू का ही
प्रयोग करें। केमिकल युक्त शैंपू रंगों के साथ क्रिया कर आपके
बालों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। शैंपू का प्रयोग भी पानी
में घोलकर करें।
प्रयोग करें। केमिकल युक्त शैंपू रंगों के साथ क्रिया कर आपके
बालों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। शैंपू का प्रयोग भी पानी
में घोलकर करें।
5.बाल धोने के बाद उन्हें रगड़ें नहीं, बल्कि खुद ब खुद सूखने दें।
इसके बाद बालों में हल्के गुनगुने तेल की मालिश करें ताकि
बालों को पोषण मिल सके और रंगों के नुकसान को कम
किया जा सके।
इसके बाद बालों में हल्के गुनगुने तेल की मालिश करें ताकि
बालों को पोषण मिल सके और रंगों के नुकसान को कम
किया जा सके।
रंगों की बौछारों में ही होली का असली मजा है, और इनके
बगैर होली सूनी सी लगती है। लेकिन कई लोगों को रंगों से
सराबोर होना पसंद नहीं होता, लिहाजा वे होली की
मस्ती में शामिल नहीं होते। अगर आप भी रंगों से दूर रहते हैं, तो
घर पर ऐसे मनाएं होली का त्योहार -
बगैर होली सूनी सी लगती है। लेकिन कई लोगों को रंगों से
सराबोर होना पसंद नहीं होता, लिहाजा वे होली की
मस्ती में शामिल नहीं होते। अगर आप भी रंगों से दूर रहते हैं, तो
घर पर ऐसे मनाएं होली का त्योहार -
1 होली का असली माहौल तो होली के गीतों से ही बनता है,
यह आप भी जानते ही हैं। तो घर बैठे होली मनाने का बढ़िया
तरीका है, होली के फिल्मी गानों से घर और मोहल्ले को एहसास
करा दें, कि आप भी होली मना रहे हैं।
यह आप भी जानते ही हैं। तो घर बैठे होली मनाने का बढ़िया
तरीका है, होली के फिल्मी गानों से घर और मोहल्ले को एहसास
करा दें, कि आप भी होली मना रहे हैं।
2 भले ही रंगों में खेलने का मन नहीं है, लेकिन भाई-चारा
बढ़ाने में थोड़े ही कुछ जाता है। भई परिवार, दोस्तों-यारों
और रिश्तेदारों से मिलें, समय बिताएं या कोई खाने-पीने का
बढ़िया-सा आयोजन करें, और होली मनाएं।
बढ़ाने में थोड़े ही कुछ जाता है। भई परिवार, दोस्तों-यारों
और रिश्तेदारों से मिलें, समय बिताएं या कोई खाने-पीने का
बढ़िया-सा आयोजन करें, और होली मनाएं।
3 होली पर शुभकामना और मस्ती भरे संदेशों की भी कमी नहीं
होती। आप यह काम भी बड़ी शिद्दत से कर सकते हैं। अपनों को
ऑडियो, वीडियो या फोटोज के माध्यम से बढ़िया होली संदेश
भेजें और शुभकामनाओं का आदान-प्रदान करें।
होती। आप यह काम भी बड़ी शिद्दत से कर सकते हैं। अपनों को
ऑडियो, वीडियो या फोटोज के माध्यम से बढ़िया होली संदेश
भेजें और शुभकामनाओं का आदान-प्रदान करें।
4 अपने घर के कम्प्यूटर पर होली वाला रंग-बिरंगा वॉलपेपर
लगाएं और अपने लिए कपड़ों का चयन भी रंगबिरंगा सा करें।
आप चाहें तो इस दिन घर के परदे और चादरें भी रंगबिरंगे लगा
सकते हैं।
लगाएं और अपने लिए कपड़ों का चयन भी रंगबिरंगा सा करें।
आप चाहें तो इस दिन घर के परदे और चादरें भी रंगबिरंगे लगा
सकते हैं।
5 मिठाईयों के बगैर भी भला कोई होली मनाई जाती है...। घर पर
आराम से बैठकर कोई फिल्म देखिए, या फिर घर पर कोई नाच-गाने,
कविता या शेर-ओ-शायरी कार्यक्रम आयोजित करें और
मिठाईयों का लुत्फ लीजिए। साथ में ठंडाई का स्वाद लेकर अपने
आनंद में चार चांद लगाईए।
आराम से बैठकर कोई फिल्म देखिए, या फिर घर पर कोई नाच-गाने,
कविता या शेर-ओ-शायरी कार्यक्रम आयोजित करें और
मिठाईयों का लुत्फ लीजिए। साथ में ठंडाई का स्वाद लेकर अपने
आनंद में चार चांद लगाईए।