12 अगस्त को रात नहीं होगी, बस एक बहुत बड़े झूठ से परदा उठेगा! ~ Shamsher ALI Siddiquee

Shamsher ALI Siddiquee

मैं इस विश्व के जीवन मंच पर अदना सा किरदार हूँ जो अपनी भूमिका न्यायपूर्वक और मन लगाकर निभाने का प्रयत्न कर रहा है। पढ़ाई लिखाई के हिसाब से विज्ञान के इंफोर्मेशन टेक्नॉलोजी में स्नातक हूँ और पेशे से सॉफ़्टवेयर इंजीनियर हूँ तथा मेरी कंपनी में मेरा पद मुझे लीड सॉफ़्टवेयर इंजीनियर बताता है।

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12 अगस्त को रात नहीं होगी, बस एक बहुत बड़े झूठ से परदा उठेगा!

    


ज्ञानचक्षु खोलने का जिम्मा अब गुरुघंटालों की बजाय व्हाट्सऐप ग्रुप्स ने लिया हुआ है. जिसको आगे बढ़ाने का काम कुछ हमारी बिरादरी के लोग यानी मीडिया वाले करते हैं. नोट में चिप, लड़के की गूगल में नौकरी और चोटी कटवा आदि उदाहरण. वैसा ही एक ज्ञान ये भी है कि “12 अगस्त को रात नहीं होगी.” व्हाट्सऐप, फेसबुक, ट्विटर सब पर ये बात फैल चुकी है. लेकिन 12 अगस्त को रात होगी और उस रात में दिन जैसा क्या होगा, ये अफवाह कैसी है ये सब बताते हैं.



अखबारों तक में छपी अफवाह

आदमी भरोसा कैसा न करे. जब लिखित में दिया गया उधार पक्का होता है तो क्या अखबार पक्का नहीं होगा. तो सोशल मीडिया पर ये वाली अखबारों की कटिंग वायरल हुईं जिनके बाद लोगों को पता चला कि इस 12 अगस्त को रात नहीं होगी.
साथ में नासा का हवाला भी दिया गया. हमारे यहां नासा और यूनेस्को को लोग नारको टेस्ट से भी ज्यादा सीरियसली लेते हैं. नासा की असली रिपोर्ट ये है.

क्या होगा 12 अगस्त की रात

दरअसल जो यूनीक सा कुछ होने वाला है वो सिर्फ 12 को नहीं बल्कि 10-11-12 तीन रातों तक होगा. बस ये है कि 12 अगस्त को पूरी रात और सबसे ज्यादा होगा. होना ये है कि मीटियर शॉवर होगा. इसे हिंदी में उल्का की बारिश कहते हैं. ढेर साले उल्का पिंड टूटकर इधर उधर बिखर जाएंगे. उनमें तेज चमकदार रोशनी होगी तो नीला आसमान भी दिखेगा. लेकिन वो दिन जैसी रोशनी नहीं होगी. इतना उजाला नहीं होगा कि उसमें शादी, मुंडन तेरहवीं जैसे प्रोग्राम निपटा लो. ये जैसे होता है, आप वीडियो में देख सकते हैं.

96 सालों में पहली बार?

ये पूरी तरह झूठ है. ये मीटियर शॉवर यानी उल्का बारिश हर साल होती है वो भी एक नहीं तीन तीन बार. एक बार जनवरी में, फिर अगस्त में और लास्ट जनवरी में. नासा ने ये बताया है कि इस बार की उल्का बारिश हर बार से ज्यादा होगी लेकिन ऐसा नहीं है कि हजारों सालों में ऐसा कभी हुआ ही नहीं.
खैर इस अफवाह को भूल जाओ और हम बताते हैं कुछ खास देशों के बारे में जहां वाकई कई दिनों और कभी कभी कई महीनों तक रात नहीं होती. जैसे नॉर्वे. इसे मिडनाइट कंट्री कहते हैं. यहां मई से जुलाई के बीच तकरीबन 76 दिन सूरज नहीं ढलता.
स्वीडन का भी यही हाल है, वहां मई से अगस्त तक 100 दिनों तक सूर्यास्त नहीं होता. उसके बाद आधी रात को ढलता है फिर सुबह साढ़े चार बजे निकल आता है. आइसलैंड में भी मई जून जुलाई यही हाल रहता है. यही सिस्टम अलास्का में है. कनाडा में लगभग पूरे साल बर्फ पड़ती है. लेकिन नॉर्थ वेस्ट में 50 दिनों तक सूरज नहीं डूबता. फिनलैंड का नाम तो सुना ही होगा. वहीं जहां की कंपनी नोकिया थी. गर्मी के मौसम में इस देश में 73 दिन तक सूरज नहीं डूबता.

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