अच्छे स्वास्थ्य के लिए रोजाना नहाना बहुत जरूरी होता है। नहाने से न सिर्फ शरीर की सफाई होती है बल्कि हमारा दिमाग भी तरोताजा होता है। अगर नहाने के पानी में कुछ चीजों को मिला लिया जाए तो सेहत सम्बंधी कई समस्याओं को दूर किया जा सकता हैं। जानना चाहेंगे कौन सी हैं वो चीजें...
संतरे का छिलका
पानी की बाल्टी में 2 संतरे के छिलके डालें और 10 मिनट के बाद इन छिलकों को पानी से निकाल लें। इस पानी से नहाने से जोड़ों के दर्द से राहत मिलेगी।
हल्दी
थोड़ी -सी कच्ची हल्दी को पीस कर उसका पेस्ट बना लें और इसे पानी में मिलाकर नहाने से त्वचा रोेग दूर होगा।
सेंधा नमक
अगर एक बाल्टी पानी में एक चम्मच फिटकरी और एक सेंधा नमक मिलाकर नहाया जाए तो इससे ब्लड सर्कुलेशन सही होता है। इससे शरीर की थकान और तनाव दूर होता है और मांस-पेशियों को आराम मिलता है।
नीम के पत्ते
एक गिलास पानी में 8-10 नीम की पत्तियां उबाल लीजिए। फिर इसे ठंडा होने के लिए रख दें। ठंडा होने पर इसे छानकर ताजे पानी की बाल्टी में मिलाकर नहा लें। इससे हर तरह के स्किन इंफेक्शन से राहत मिलेगी और शरीर में सूजन भी कम होगी।
चंदन
अगर आप त्वचा से संबंधित समस्याओं से परेशान हैं तो रात को सोने से पहले एक कटोरी पानी में थोड़ा-सा चंदन पाउडर मिक्स करें। सुबह इस पेस्ट को नहाने वाले पानी में मिलाकर नहाएं। इससे त्वचा से जुड़ी सभी परेशानियां दूर हो जाएंगी।
तुलसी
तुलसी के पत्ते पानी में मिलाकर नहाने से फायदा होता है। तुलसी जीवाणुरोधी होती है, जिससे एक्जिमा जैसी बीमारी नहीं होती।
दूध
पानी में दूध मिलाकर नहाने से त्वचा चमकदार और स्वस्थ हो जाती है। दूध में पाया जाने वाला लैक्टिक एसिड और अल्फा ड्राइडोक्सी एसिड त्वचा की डेड स्किन हटाते हैं। साथ ही धूप से टैन हुई त्वचा को भी ठीक करके खूबसूरत बनाता है।
कपूर
कपूर का इस्तेमाल सिर्फ पूजा के लिए ही नहीं बल्कि नहाने के पानी में भी किया जा सकता है। इससे शरीर को आराम मिलता है और साथ ही सिर दर्द की परेशानी दूर होती है। समस्या से बचने के लिए नहाने की बाल्टी में 2 कपूर की टिकिया मिला लें।
गुलाब जल
अगर आपके शरीर से पसीने की बदबू आ रही है तो आप पानी में गुलाब जल मिलाकर नहाएं। पानी में 3 से 4 चम्मच गुलाब जल मिलाकर नहाने से मांस-पेशियां रिलैक्स होती हैं और साथ शरीर की बदबू भी दूर होती है।
डॉक्टर एससी पांडेय के अनुसार, आयुर्वेद में स्नान के अनेक फायदे बताए गए हैं। बहुद देर तक और अच्छे से स्नान करने से थकान और तनाव कम होता है। स्नान करते समय सिर पर पानी डालने पर शरीर के ऊपरी भागों की गर्मी पैरों के माध्यम से निकल जाती है। इससे काफी राहत मिलती है।
संतरे का छिलका
पानी की बाल्टी में 2 संतरे के छिलके डालें और 10 मिनट के बाद इन छिलकों को पानी से निकाल लें। इस पानी से नहाने से जोड़ों के दर्द से राहत मिलेगी।
हल्दी
थोड़ी -सी कच्ची हल्दी को पीस कर उसका पेस्ट बना लें और इसे पानी में मिलाकर नहाने से त्वचा रोेग दूर होगा।
सेंधा नमक
अगर एक बाल्टी पानी में एक चम्मच फिटकरी और एक सेंधा नमक मिलाकर नहाया जाए तो इससे ब्लड सर्कुलेशन सही होता है। इससे शरीर की थकान और तनाव दूर होता है और मांस-पेशियों को आराम मिलता है।
नीम के पत्ते
एक गिलास पानी में 8-10 नीम की पत्तियां उबाल लीजिए। फिर इसे ठंडा होने के लिए रख दें। ठंडा होने पर इसे छानकर ताजे पानी की बाल्टी में मिलाकर नहा लें। इससे हर तरह के स्किन इंफेक्शन से राहत मिलेगी और शरीर में सूजन भी कम होगी।
चंदन
अगर आप त्वचा से संबंधित समस्याओं से परेशान हैं तो रात को सोने से पहले एक कटोरी पानी में थोड़ा-सा चंदन पाउडर मिक्स करें। सुबह इस पेस्ट को नहाने वाले पानी में मिलाकर नहाएं। इससे त्वचा से जुड़ी सभी परेशानियां दूर हो जाएंगी।
तुलसी
तुलसी के पत्ते पानी में मिलाकर नहाने से फायदा होता है। तुलसी जीवाणुरोधी होती है, जिससे एक्जिमा जैसी बीमारी नहीं होती।
दूध
पानी में दूध मिलाकर नहाने से त्वचा चमकदार और स्वस्थ हो जाती है। दूध में पाया जाने वाला लैक्टिक एसिड और अल्फा ड्राइडोक्सी एसिड त्वचा की डेड स्किन हटाते हैं। साथ ही धूप से टैन हुई त्वचा को भी ठीक करके खूबसूरत बनाता है।
कपूर
कपूर का इस्तेमाल सिर्फ पूजा के लिए ही नहीं बल्कि नहाने के पानी में भी किया जा सकता है। इससे शरीर को आराम मिलता है और साथ ही सिर दर्द की परेशानी दूर होती है। समस्या से बचने के लिए नहाने की बाल्टी में 2 कपूर की टिकिया मिला लें।
गुलाब जल
अगर आपके शरीर से पसीने की बदबू आ रही है तो आप पानी में गुलाब जल मिलाकर नहाएं। पानी में 3 से 4 चम्मच गुलाब जल मिलाकर नहाने से मांस-पेशियां रिलैक्स होती हैं और साथ शरीर की बदबू भी दूर होती है।
डॉक्टर एससी पांडेय के अनुसार, आयुर्वेद में स्नान के अनेक फायदे बताए गए हैं। बहुद देर तक और अच्छे से स्नान करने से थकान और तनाव कम होता है। स्नान करते समय सिर पर पानी डालने पर शरीर के ऊपरी भागों की गर्मी पैरों के माध्यम से निकल जाती है। इससे काफी राहत मिलती है।