सऊदी नेशनल डे पर जानिये सऊदी अरब के बारे में ~ Shamsher ALI Siddiquee

Shamsher ALI Siddiquee

मैं इस विश्व के जीवन मंच पर अदना सा किरदार हूँ जो अपनी भूमिका न्यायपूर्वक और मन लगाकर निभाने का प्रयत्न कर रहा है। पढ़ाई लिखाई के हिसाब से विज्ञान के इंफोर्मेशन टेक्नॉलोजी में स्नातक हूँ और पेशे से सॉफ़्टवेयर इंजीनियर हूँ तथा मेरी कंपनी में मेरा पद मुझे लीड सॉफ़्टवेयर इंजीनियर बताता है।

Shamsher ALI Siddiquee

Search

Type your search keyword, and press enter


ads

सऊदी नेशनल डे पर जानिये सऊदी अरब के बारे में

 ,    



सउदी अरब मध्यपूर्व मे स्थित एक सुन्नी मुस्लिम देश है। यह एक इस्लामी राजतंत्र है जिसकी स्थापना १७५० के आसपास सउद द्वारा की गई थी। यहाँ की धरती रेतीली है तथा जलवायु उष्णकटिबंधीय मरुस्थल। यह विश्व के अग्रणी तेल निर्यातक देशों में गिना जाता है। सउदी अरब के पश्चिम की ओर लाल सागर है और उसके पार मिस्र दक्षिण की ओर ओमान और यमन हैं और उनके दक्षिण में हिन्द-महासागर। उत्तर में इराक़ और ज़ॉर्डन की सीमा लगती है जबकि पूरब में फारस की खाड़ी और कुवैत तथा संयुक्त अरब अमीरात। इसरायल-फ़िलिस्तीन का क्षेत्र इसके उत्तर की दिशा में है और अरबों ने इसके इतिहास को बहुत प्रभावित किया है।
यहाँ इस्लाम के प्रवर्तक मुहम्मद साहब का जन्म हुआ था और यहाँ इस्लाम के दो सबसे पवित्र स्थल मक्का और मदिनाअवस्थित हैं। इस्लाम में हज का स्थान मक्का बताया गया है और दुनिया के सारे मुसलमान मक्का की ओर ही नमाज अदा करते हैं। यहाँ के मुसलमान मुख्यतः सुन्नी हैं और इस्लाम की राजनैतिक राजधानी के इस देश से बाहर रहने के बावजूद इस देश के लोगों ने इस्लाम धर्म पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है।
प्राचीन काल में दिल्मन सभ्यता सुमेर तथा मिस्र की प्राचीन सभ्यता के समकालीन थी। सन् ३५००-२५०० ईसापूर्व के मध्य में कुछ अरबों का बेबिलोनिया-असीरिया के इलाके में आगमन अरबों के इतिहास की पहली महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है। सातवीं सदी तक अरबों का इतिहास कबीलों के झगड़ों और छिटपुट रूप से विदेशी प्रभुत्व की कहानी लगती है।

इस्लाम का उदयसंपादित करें

६१३ इस्वी के आसपास एक अरबी दफ़ातर ने लोगों में एक दिव्य ज्ञान का प्रचार किया। आपका कहना था कि आपको इसका ज्ञान अल्लाह के फरिश्ते जिब्राईल ने दिया और प्रत्येक इन्सान को उन्हीं तरीकों को अपनाना चाहिए। आपका का नाम मुहम्मद (स्०) था और उनकी बीवी का नाम खादीजा था। लोगों को उनकी बात पर या तो यकीन नहीं आया या साधारण सी लगी। पर गरीबों को ये बात बहुत पसन्द आई कि किसी का शोषण नहीं करना चाहिए जो यह करेगा उसे कयामत के दिन नरक का प्राप्ति होगी। लोगों के बीच समानता के भाव की बात दलितों और निचले तबकों में लोकप्रियता मिलने लगी। फिर धीरे धीरे और लोग भी उनके अनुयायी बनने लगे। उनकी बढ़ती ख्याति देखकर मक्का के कबीलों को अपनी लोकप्रियता और सत्ता खो देने का भय हुआ और उन्होंने मुहम्मद (स्०) को सन् ६२२ (हिजरी) में मक्का छोड़ने को विवश कर दिया। वो मदीना चले आए जहाँ लोगों,खासकर संभ्रांत कुल के लोग और यहूदियों से उन्हें समर्थन मिला। इसके बाद उनके अनुचरों की संख्या और शक्ति बढती गई। मुहम्मद (स्०) ने मक्का पर चढ़ाई कर दी और वहाँ के प्रधान ने हार मान ली। उनके 'संदेश' से और लोग प्रभावित होने लगे और उनकी प्रभुसत्ता में विश्वास करने लगे। उसके बाद मुहम्मद ने अपने नेतृत्व में कई ऐसे सैनिक अभियान भी चलाए जिनमें उनका विरोध करने वालों को हरा दिया गया। सन् ६३२ में मुहम्मद साहब की मृत्यु तक लगभग सारा अरब प्रायद्वीप मुहम्मद साहब के संदेश को कुबूल कर चुका था। इन लोगों को मुस्लिम कहा जाने लगा।
मुहम्मद साहब की मृत्यु के बाद अरबों की राजनैतिक शक्ति में बहुत वृद्धि हुई। सन् ७०० इस्वी तक ईरान, मिस्र, ईराक तथा मध्यपूर्व में इस्लाम की सामरिक विजय स्थापित हो गई थी। अरब इन इलाकों में छिटपुट रूप से बस भी गए थे। इस्लाम की राजनैतिक सत्ता खिलाफ़त के हाथ रही। आरंभ में तो इस्लाम का केन्द्र दमिश्क रहा और फिर मक्का पर आठवीं सदी के मध्य तक बग़दाद इस्लाम की राजनैतिक राजधानी बना। इस्लाम के राजनैतिक वारिस अरब ही रहे पर कई और नस्ल/जाति के लोग भी धीरे धीरे इसमें मिलने लगे। सोलहवीं सदी में उस्मानों ने मक्का पर अधिकार कर लिया और इस्लाम की राजनैतिक शक्ति तुर्कों के हाथ चली गई और सन् १९२२ तक उन्हीं के हाथों रही।
सऊदी अरब के बारे में कुछ रोचक तथ्य
सऊदी अरब में 25 साल से कम उम्र के युवाओं की संख्या कुल आबादी की आधी है। हर 4 में से 3 सऊदी 35 साल से कम उम्र का है। सऊदी में महिलाओं से ज्यादा संख्या पुरुषों की है। पुरुष और महिला का रेशियो 1.37 है।

सऊदी अरब में कोई संविधान नहीः सऊदी अरब के बुनियादी कानून का आर्टिकल 1 इस बात पर जोर देता है कि पवित्र ग्रंथ कुरान और पैगंबर मोहम्मद ही उसके संविधान हैं। यह देश वास्तव में शरियत कानून के मुताबिक चलता है।

महिलाओं को कार चलाने की आजादी नहीं: सऊदी अरब में महिलाओं को कार चलाने की आजादी नहीं है। हालांकि, हाल के कुछ वर्षों में स्थानीय महिला सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इसे लेकर प्रदर्शन किया है। इनमें से कुछ को मुकदमे का सामना करना पड़ा है और यह बैन अभी भी नहीं हटा है...

हज कोटाः इस्लाम में मक्का और मदीना को दो पवित्र शहर माना जाता है और गैर-मुस्लिमों को यहां आने की इजाजत नहीं है। हर साल यहां दुनियाभर से बड़ी संख्या में मुस्लिम तीर्थयात्री आते हैं। सऊदी अरब इस यात्रा के लिए हर देश को स्पेशल कोटा देता है जिससे यहां आने वालों की संख्या को नियंत्रित किया जा सके।

महिला और वोटिंगः सऊदी अरब दुनिया का आखिरी ऐसा देश है जिसने महिलाओं को वोट डालने की आजादी दी। 2011 में, शेख अब्दुल्ला ने आदेश देकर म्युनिसिपल इलेक्शन में महिलाओं के वोट डालने का रास्ता तैयार किया।

सबसे बड़ा रेगिस्तानः इसमें कोई हैरानी नहीं कि सऊदी अरब जैसे देश में अगर पूरी धरती का सबसे सूखा स्थान मिल जाए। रब अल खली, दुनिया का सबसे बड़ा रेगिस्तानी इलाका है। यह 250,000 स्क्वेयर मील तक फैला हुआ क्षेत्र है। यह सऊदी अरब के बड़े इलाके तक फैला हुआ क्षेत्र है और दुनिया का सबसे सूखा क्षेत्र है।

एक भी नदी या झील नहीः सऊदी अरब में पानी दुर्लभ चीज है और इसीलिए यह यहां बेहद कीमती भी है। सऊदी अरब में एक्वीफर्स पानी का बड़ा स्रोत हैं। ये अंडरग्राउंड बनाए गए बेहद बड़े जलाशय हैं। जल का एक दूसरा बड़ा स्रोत समुद्र है। सऊदी अरब समुद्र के पानी को पीने लायक बनाकर इस्तेमाल करता है।

तेल से महंगा पानीः सऊदी अरब में कोई बड़ी नदी या झील नहीं है और यहां बेहद कम बारिश होती है। सऊदी अरब दुनिया में सबसे ज्यादा तेल प्रड्यूस करने वाले देशों में से है। इसलिए यह जानकर आपको आश्चर्य नहीं होना चाहिए कि सऊदी अरब में एक गैलन पानी एक गैलन तेल से ज्यादा महंगा है।

2012 में, सऊदी अरब ने सरकारी दफ्तरों और अधिकतर सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान पर बैन लगा दिया। सऊदी अरब के आंकड़े बताते हैं कि देश के आम लोग औसतन 8 डॉलर हर रोज सिगरेट पर खर्च करते हैं।

सऊदी अरब के कारों के शौकीनों ने एक अलग तरह का खेल ईजाद किया है जिसका नाम साइडवॉक स्कीइंग है। इसमें मोटर कार को उसके एक तरफ के पहियों पर खड़ा कर खेल खेला जाता है।

रियाद ऊंट बाजार दुनिया का सबसे बड़ा ऊंट बाजार है। यहां हर रोज लगभग 100 ऊंट बिकते हैं।

गैर-मुस्लिमों को सऊदी नागरिकता की इजाजत नहीं है। देश में गैर-मुस्लिम अपनी पूजा पद्दति को नहीं अपना सकते हैं। देश में गैर-मुस्लिम धर्म का प्रदर्शन अपराध है। होमोसेक्शुऐलिटी भी देश में जुर्म है।

सऊदी अरब दुनिया का एकमात्र देश है जहां गला काटना, अंगविच्छेद कर देना और पत्थर मारने की सजा दी जाती है। इसे देश में गैरकानूनी नहीं माना गया है।

देश में अकेली महिला, चाहे वह स्थानीय हो या विदेशी- उसे अजनबी पुरुष के साथ जाने की इजाजत नहीं है।

2006 तक, सरकारी इमारतों, सरकारी जगहों पर हवाईअड्डों की तस्वीर लेने की सख्त मनाही थी। आज भी अगर आप सऊदी अरब में ऐसा करते हैं तो कुछ लोगों या पुलिसवालों द्वारा मुसीबत में पड़ सकते हैं क्योंकि बहुत लोगों को बदल दिए गए कानून की जानकारी नहीं है।

द किंग्डम टावरः 2018 में, सऊदी अरब में दुनिया की सबसे ऊंची इमारत बनकर तैयार हो रही है। अतुलनीय किंग्डम टावर 3,280 फीट (एक किलोमीटर से भी लंबी) दुनिया की पहली इमारत होगी। इस टावर में एक होटल, ऑफिस होंगे। यह नए जमाने की इंजीनियरिंग को नए स्तर तक लेकर जाएगी।

मिलिटरी में महिलाओं के लिए पोशाकः सऊदी अरब में गैर-मुस्लिम महिलाओं को सर से पैर तक खुद को ढकने की जरूरत नहीं है। हालांकि, 2001 में देश में स्थित अमेरिकी मिलिटरी बेस में महिलाओं को ऐसी ड्रेस पहनने का आदेश दिया गया। मार्था मैकसैली, एक हाई रैंक यूएस फाइटर पायलट थी। उन्होंने इस आदेश पर अमेरिका के रक्षा सचिव डोनाल्ड रम्सफील्ड पर केस किया। मैकसैली ने यह केस जीत भी लिया। उसी वक्त से यूएस सर्विसविमिन को हैडस्कार्फ पहनने से छूट मिल गई।

सऊदी इंडस्ट्रियल प्रॉपर्टी अथॉरिटी, मोडोन को देश को बाकी आधुनिक दुनिया के साथ कदम से कदम मिलाकर चलते देखने के मकसद से एक आधुनिक शहर बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस शहर में सिर्फ महिलाएं ही रहेंगी। जो पूरी आजादी और मनचाहा काम कर सकती हैं। यहां महिलाएं कड़े इस्लामी कानून को तोड़े बिना मनचाहा काम करने के लिए पूरी तरह आजाद होंगी।

तलवारबाजों की कमीः सऊदी अरब में मृत्यु की सजा आम है। मृत्युदंड देने के मामले में दुनिया में सऊदी का नंबर चौथा है। देश में गर्दन काटकर मृत्यु देने की सजा सबसे आम है लेकिन बड़ी संख्या में इस सजा के चलते देश में सजा देने वालों की कमी हो गई है और देश किसी दूसरे तरीके पर विचार कर रहा है।

लॉन्जरी शॉपः सऊदी अरब में दशकों तक महिलाओं को काम करने की मनाही रही है। लॉन्जरी शॉप में पुरुष ही महिलाओं को सामान दिखाते रहे। लेकिन 2012 की शुरुआत में मर्दों को महिलाओं के सामान वाली दुकानों पर मर्दों के काम करने की मनाही हो गई।

जादू की इजाजत नहीं: सऊदी अरब में जादू या टोने पर पूरी तरह प्रतिबंध है। देश में एक स्पेशल पुलिस यूनिट है जो जादूगरों को ही पकड़ने का काम करती है। ऐसा करना देश में एक बड़ा अपराध है और इसकी सजा गर्दन काटने के रूप में दी जाती है। यही वजह थी कि देश में हैरी पॉटर पर बैन लगा दिया गया था।


Related Posts: