सर्द हवा के कई खतरे, रहें जरा बचकर ~ Shamsher ALI Siddiquee

Shamsher ALI Siddiquee

मैं इस विश्व के जीवन मंच पर अदना सा किरदार हूँ जो अपनी भूमिका न्यायपूर्वक और मन लगाकर निभाने का प्रयत्न कर रहा है। पढ़ाई लिखाई के हिसाब से विज्ञान के इंफोर्मेशन टेक्नॉलोजी में स्नातक हूँ और पेशे से सॉफ़्टवेयर इंजीनियर हूँ तथा मेरी कंपनी में मेरा पद मुझे लीड सॉफ़्टवेयर इंजीनियर बताता है।

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सर्द हवा के कई खतरे, रहें जरा बचकर

    


विंटर सीजन में मस्ती के कई मौके मिलेंगे, लेकिन जरा-सी चूक आपके लिए नुकसानदायक हो सकती है। टेंपरेचर तेजी से नीचे आ रहा है। कोहरे और धुंध ने अस्थमा व हार्ट के मरीजों की परेशानी बढ़ा दी है। ऐसे मौसम में ऐलर्जी की भी संभावना बढ़ जाती है। इन बीमारियों से बचने के लिए खुद को एक्सपोजर से बचाने की जरूरत है।

हाइपोथर्मिया से बचें

जब ठंड के कारण बॉडी का टेंपरेचर धीरे-धीरे कम होने लगता है, इसे हाइपोथर्मिया कहते हैं। इंसान की बॉडी का नॉर्मल टेंपरेचर 37 डिग्री सेंटिग्रेड होता है। अगर बॉडी का टेंपरेचर 35 डिग्री से कम होने लगे तो मरीज की जान जा सकती है। यह इंसान की बॉडी के इम्यून सिस्टम के कमजोर होने की स्थिति में और खतरनाक हो जाता है। इसका अटैक खासकर बच्चों और बुजुर्गों में काफी रहता है, इसलिए इस मौसम में ठंड से बच कर रहें और गर्म खाना खाएं और लिक्विड लेते रहें।

ब्लड प्रेशर का बढ़ जाता है खतरा 

सर्दी की वजह से टेंपरेचर में आई कमी से ब्लड वेसल्स सिकुड़ने लगती हैं और ब्लड गहरा हो जाता है। इस कारण शरीर में ब्लड फ्लो ठीक से नहीं हो पाता है और हार्ट को शरीर मे ब्लड पहुंचाने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है। दूसरा, सर्दियों मे कोहरे के कारण प्रदूषित कणों की मात्रा भी बढ़ जाती है। इस कारण भी ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। ऐसे में जरा-सी दौड़भाग करने से ही सांस फूलने लगती है, सिरदर्द और सिर में भारीपन महसूस होता है। अगर डायबीटीज से पीड़ित हो तो मरीज को हार्ट और ब्रेन स्ट्रोक, आई हैमरेज, किडनी खराब होने का खतरा रहता है।

हार्ट अटैक का खतरा 

सर्दियों में लोगों को दिल का दौरा पड़ने का खतरा ज्यादा रहता है। हार्ट के बाईं ओर से निकलने वाली धमनियां गिरते तापमान के साथ सिकुड़ने लगती हैं, जिस कारण हार्ट को ब्लड फ्लो करने के लिए अधिक प्रयास करना पड़ता है। इससे दिल पर अधिक दबाव पड़ने लगता है और यही दिल का दौरा पड़ने का कारण बनता है। ऐसी स्थिति में उन लोगों के लिए खतरा और बढ़ जाता है, जिन्हें अपने दिल की स्थिति के बारे में पहले से कोई जानकारी नहीं होती।

साइनोसाइटिस का खतरा 

साइनोसाइटिस गिरते मौसम की आम बीमारी है, जो कॉमन कोल्ड की वजह से होती है। अगर आपको सिर, दांतों या गाल में लगातार दर्द होने लगे, सांस लेने में कठिनाई होने लगे या फिर सर्दी-खांसी के साथ बुखार आने लगे तो समझ जाएं कि आप साइनोसाइटिस के शिकार हो गए हैं। यह साइनस की सूजन है। साइनस हड्डियों के बीच खाली स्थान है, जहां हवा भरी होती है। ललाट, नाक की हड्डियों, गाल और आंखों के पीछे स्थित होता है यह साइनस। साइनस में जब संक्रमण हो जाता है तो उसमें सूजन आ जाती है। साइनस की इसी सूजन को साइनोसाइटिस कहा जाता है। इससे बचने का सबसे अच्छा तरीका है कि हम कॉमन कोल्ड को नजरअंदाज न करें। रोजाना तीन-चार बार स्टीम लें।

जॉइंट में दर्द का खतरा 

डॉक्टर का कहना है कि ठंड की वजह से कमर, गर्दन, कंधों, हाथ-पैर के जोड़ों में दर्द होता है। सर्दी के मौसम में परेशानी और भी ज्यादा बढ़ जाती है। इससे बचाव के लिए जितना हो सके, सर्दी से खुद को बचाकर रखें।

क्या खाएं...

-गर्म चीजों का सेवन अधिक करें।
-लहसुन, प्याज, मछली, गुड़, बादाम, काजू जैसी चीजों का अधिक सेवन करें।
-खाने में कैल्शियम और प्रोटीन युक्त चीजों को प्रमुखता से शामिल करें।

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