अपने 10 फैसलों से इंदिरा कैसे बन गई थी इंडिया की आयरन लेडी, जानिए-
इंदिरा की सेनाः गुलाम भारत को आजादी की कितनी जरूरत है यह इंदिरा ने अच्छे से समझ लिया था। बचपन से ही वो भी भारत की आजादी की लड़ाई में जुट गई थीं। उन्होंने अपने हमउम्र बच्चों के साथ एक वानर सेना बनाई जिसका उद्देश्य देश की आजादी के लिए लड़ रहे क्रांतिकारी एवं आंदोलनकारियों तक गुप्त सूचनाएं पहुंचाना था।
बैंकों का राष्ट्रीकरणः 1969 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश के 14 निजी बैंकों का राष्ट्रीयकरण कर दिया। इंदिरा गांधी का कहना था कि बैंकों के राष्ट्रीयकरण की बदौलत ही देश भर में बैंक क्रेडिट दी जा सकेगी। उस वक्त के वित्त मंत्री मोरारजी देसाई इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर चुके थे। 19 जुलाई 1969 को एक अध्यादेश लाया गया और 14 बैंकों का स्वामित्व राज्य के हवाले कर दिया गया। उस वक्त इन बैंकों के पास देश का 70 प्रतिशत जमापूंजी थी।
राजा-महाराजाओं के प्रिवीपर्स की समाप्तिः 1967 के आम चुनावों में कई पूर्व राजे-रजवाड़ों ने सी.राजगोपालाचारी के नेतृत्व में स्वतंत्र पार्टी का गठन लिया था। इनमें से कई कांग्रेस के बागी भी थे। इस कारण इंदिरा ने प्रिवीपर्स समाप्ति का संकल्प ले लिया। 1971 के चुनावों में सफलता के बाद इंदिरा ने संविधान में संशोधन कराया और प्रिवीपर्स की समाप्ति कर दी। इस तरह राजे-महाराजों के सारे अधिकार और सहूलियतें वापस ले ली गईं।
हरित क्रांति की शुरुआतः 1969 में इंदिरा गांधी ने भूमिहीन और समाज के कमजोर वर्ग के लिए भूमि सुधार नीति बनाई। हरित क्रांति इंदिरा के अथक प्रयास का फल था। बीस सूत्रीय कार्यक्रम की शुरुआत भी इंदिरा गांधी ने ही की थी।
गरीबी हटाओ का नाराः 1971 के चुनाव में इंदिरा जी ने नारा दिया था ‘गरीबी हटाओ’। इस नारे का जादू देश भर में लोगों के सिर चढ़कर बोला। पाकिस्तान के साथ युद्ध में विजयी होने के बाद वे संसद में पहले ही दुर्गा की परिभाषा से विभूषित हो चुकी थी। उनकी लोकप्रियता अपने चरमोत्कर्ष पर थी। चुनाव में कांग्रेस भारी बहुमत से जीती।
बांग्लादेश का उदयः भारत पाकिस्तान के बीच तीसरे युद्ध ने दक्षिण एशिया का भूगोल ही नहीं इतिहास भी बदल दिया। ये इंदिरा की अगुवाई का ही कमाल था कि भारत ने पाकिस्तान को घुटने टेकने पर भी मजबूर तक दिया जब महाबली अमेरिकी खुद उसका खुलकर साथ दे रहा था।
पहला परमाणु परीक्षणः पाकिस्तान से लड़ाई के तीन साल बाद 18 मई 1974 को भारत ने पोखरण में परमाणु परीक्षण कर विश्व पटल पर अपनी सैन्य ताकत दर्ज कराने की कोशिश की। इसके साथ ही अमरीका, सोवियत संघ (तत्कालीन), ब्रिटेन, फ्रांस और चीन के बाद भारत छठा ऐसा करने वाला देश बन गया।
इमर्जेंसी पर फैसलाः 1975 में रायबरेली के चुनाव में गड़बड़ी के आरोप और जेपी द्वारा संपूर्ण क्रांति के नारे के अंतर्गत समूचे विपक्ष ने एकजुट होकर इंदिरा गांधी की सत्ता के खिलाफ संघर्ष छेड़ दिया। इस पर इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लगा दिया। आपातकाल में नागरिक अधिकार रद्द हो गए और प्रेस और मीडिया पर सेंसरशिप लागू हो गई। आज भी इंदिरा के इस फैसले की विरोधी आलोचना करते हैं।
पाक पर हमले का प्लानः साल 1980 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान के परमाणु प्रतिष्ठानों पर सैन्य हमले पर विचार किया था। वह पड़ोसी देश को परमाणु हथियार हासिल करने से रोकने के लिए ऐसा करना चाहती थीं। अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के सार्वजनिक किए गए एक दस्तावेज में यह दावा किया गया।
ऑपरेशन ब्लू स्टारः आपरेशन ब्लू स्टार भारतीय सेना द्वारा 3 से 6 जून 1984 को अमृतसर (पंजाब, भारत) स्थित हरिमंदिर साहिब परिसर को खालिस्तान समर्थक जनरैल सिंह भिंडरावाले और उनके समर्थकों से मुक्त कराने के लिए चलाया गया अभियान था। पंजाब में भिंडरावाले के नेतृत्व में अलगाववादी ताकतें सशक्त हो रही थीं जिन्हें पाकिस्तान से समर्थन मिल रहा था।