जानिए क्यों मनाया जाता है वेलेंटाइंस डे, और इस दिन का क्या है महत्व ~ Shamsher ALI Siddiquee

Shamsher ALI Siddiquee

मैं इस विश्व के जीवन मंच पर अदना सा किरदार हूँ जो अपनी भूमिका न्यायपूर्वक और मन लगाकर निभाने का प्रयत्न कर रहा है। पढ़ाई लिखाई के हिसाब से विज्ञान के इंफोर्मेशन टेक्नॉलोजी में स्नातक हूँ और पेशे से सॉफ़्टवेयर इंजीनियर हूँ तथा मेरी कंपनी में मेरा पद मुझे लीड सॉफ़्टवेयर इंजीनियर बताता है।

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जानिए क्यों मनाया जाता है वेलेंटाइंस डे, और इस दिन का क्या है महत्व

    


दुनिया के हर धड़कते दिल को आज के दिन यानि 14 फरवरी का बेसब्री से इंतजार रहता है। प्यार करने वाले इस दिन को अपने अपने ढंग से मनातें हैं। लेकिन क्या आपकों मालूम है कि आखिर क्यों मनाते है वैलेंटाइन डे और इस दिन का क्या महत्व हैं आज हम आपकों इसके बारे में बताने जा रहे है। 
 
माने तो प्यार करने वालों के लिए हर दिन खास होता है और अपने साथी से प्यार जताने के लिए दिन और तारीख मायने नहीं रखती लेकिन दौडती हुई जिंदगी के लिए आज का दिन मोहब्बत के नाम कर दिया गया। कई देशों में इस दिन को मनाया जाता हैं। 


आइयें जानें की वैलेंटाइन की कहानी क्या है.
वैलेंटाइन डे की सच्ची कहानी ( Real Story Behind Valentine’s Day )
वैलेंटाइन डे की कहानी की शुरुआत रोम साम्राज्य में तीसरी शताब्दी से शुरू होती है जहाँ का शासक था कलाउडीयस 2. कलाउडीयस बहुत ही क्रूर और निर्दयी राजा था, साथ ही उसमें सत्ता और अपने साम्राज्य के विस्तार की बहुत भूख थी. जिसके लिए वो किसी भी हद तक जा सकता था. इसीलिए उसने उस वक़्त अनेक लड़ाईयां लड़ी और अनेक युद्ध जीते. किन्तु युद्ध में उसकी सेना के भी अधिक जवान शहीद होते चले गये. उसने नयी फ़ौज को तैयार करने के लिए देशवासियों को सामने आने का आदेश दिया. किन्तु कोई भी उसकी सेना में भर्ती होने नहीं आया.
राजा का नया कानून ( New Law by king )
राजा ने इसका कारण जानने की कोशिश की तो उसने पाया कि कोई भी व्यक्ति अपनी पत्नी और बच्चों को छोड़कर युद्ध में मरने के लिए नही आना चाहता. इससे नाराज होकर कलाउडीयस ने ये नियम बना दिया कि अब रोम में की भी शादी नही करेगा. इससे जनता और रोम में समाज में अचानक से उथल पुथल मच गई और सभी परेशान हो गये क्योकि कोई भी शादी नही कर पा रहा था. राजा का आतंक और डर इतना था कि कोई इतनी हिम्मत नही कर पा रहा था कि वो राजा के सामने इसका विरोध कर सके या अपनी समस्या को जाकर बता सके.
संत वैलेंटाइन ( Saint Valentine )
इस स्थित में एक साधारण सा पादरी सामने आया और प्यार के लिए खड़ा हुआ, उस पादरी का नाम था संत वैलेंटाइन. उन्होंने राजा के नए कानून को जानते हुए भी दो प्यार करने वालों की छुप छुपकर शादी करनी शुरू कर दी. जैसे ही राजा कलाउडीयस को इस बारे में पता चला उसने वैलेंटाइन को कैद करने के लिए अपने कुछ सिपाहियों को भेजा और उसे जेल में डाल दिया.
अगले दिन उससे राजा के निर्णय या कानून की तौहीन करने की वजह पूछी तो उसने कहा कि प्यार वो खुबसूरत अहसास है जिसे किसी से नही छीनना चाहियें. उसने बताया कि स्त्री को ईश्वर ने इसीलिए बनाया है ताकि वो उसका सहारा और साहस बन सके. इन्ही के प्रेम की वजह से और उनसे दोबारा मिलने की चाह में ये युद्ध में अद्वितीय प्रदर्शन कर पाते है. साथ ही उन्होंने बताया कि बिना स्त्री के पुरुष अधुरा ही रहता है.
मृत्यु दंड ( Death Punishment )
राजा को वैलेंटाइन की बात समझ में तो जरुर आ गई किन्तु उसने अपने घमंड और अपने आदेश का पालन ना करने की वजह से वैलेंटाइन को फ़ासी की सजा मृत्यु दंड के रूप में सुना दी. उसे जेल में डाल दिया गया. जेल में वो अपनी मृत्यु की तारीख का इंतजार कर ही रहा था कि उसे वहां एक अंधी लड़की से प्यार हो गया. ये अंधी लड़की वहाँ के जेल अधिकारी की बेटी थी.
संत वैलेंटाइन्स का अंधी लड़की से प्रेम ( Saint Valentine’s Love with Blind Girl )
जिस दिन वैलेंटाइन की फांसी का समय आया तो उसने अपने आखरी शब्दों को लिखने की गुजारिश की, जिसे राजा ने मान्य कर दिया. वैलेंटाइन ने उस वक़्त लिखने के लिए स्याही के रूप में एक फुल के रस का इस्तेमाल किया. उसके बाद उसे फांसी पर लटका दिया गया. बाद में जब लड़की ने वैलेंटाइन के  आखरी शब्दों के रूप में लिखी कविता को सुना तो एक चमत्कार हुआ और उस अंधी लड़की को दिखाई देने लगा. वैलेंटाइन और उस अंधी लड़की के बीच के इस छोटी अवधि के प्रेम की चर्चा सब जगह हुई. इस तरह लोगो को प्यार की असली ताकत का पता चला.
वैलेंटाइन ने अपना सारा जीवन लोगो के बीच प्रेम बढ़ाने और प्रेम करने वाले लोगो को मिलाने में बिता दिया. उनका मानना था कि व्यक्ति के शरीर को मारा जा सकता है किन्तु उसकी आत्मा अमर है इसलिए आत्मा से किये सच्चे प्रेम को कभी मारा नही जा सकता. उनके इसी कार्य के लिए चर्च के सभी पादरियों ने उनके सम्मान के लिए एक शाही भोज रखा. उनके सम्मान में विशेष दिन को रखने के लिए उन्होंने 14 फ़रवरी को चुना क्योंकि रोम में माना जाता है कि ये दिन पक्षियों के प्यार की शुरुआत का दिन है. आज भी रोम में संत वैलेंटाइन का नाम उसी सम्मान के साथ लिया जाता है और इस दिन को उनके प्यार के लिए योगदान और समर्पण के लिए मनाया जाता है.
भारत में वैलेंटाइन डे ( Valentine in India )
भारत में भी अब वैलेंटाइन डे धूम – धाम से मनाया जानें लगा है. लड़के – लड़कियां इस दिन एक दुसरें को वैलेंटाइन डे का कार्ड देतें है. प्यार एक ऐसा अहसास है जिससें कोई परिचित नहीं है. प्यार के अहसास को महसूस करने के लिए प्यार का अधूरापन भी जरूरी है. अगर खुदा ने यह पूरा कर दिया होता तो इंसान को किसी चीज की जरूरत नहीं होती. कभी आपनें सोचा है कि क्यों किसी को खो देनें का दर्द किसी को पा लेने की खुसी से भी ज्यादा असर करता है. जब हम किसी से प्यार करतें है और जब हम अपनी मंजिल तक नहीं पहुँच पाते तो इसका दर्द हमेशा हमारें अंदर जिंदा रहता है. दिलों को दिलों से जोड़ने वाला ये अहसास दिलों में नमी भी भर देता है. यह अहसास मिठे दर्द से शुरू होता है. इश्क ऐसा जज्बा है जिसमें डूबकर ही इसे समझा जा सकता है. ईश्वर ने हमें एक खूबसूरत सा दिल दिया है जिसका काम सिर्फ प्यार करना है. दिल प्यार करना जानता है, प्यार करता है, और प्यार चाहता है. इसलिए आप भी इस बार वैलेंटाइन डे पर अपने साथी को अपने प्यार का अहसास दिलाकर उनके साथ अपने जीवन की नयी शुरुआत करें.

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