विंटर सीजन में मस्ती के कई मौके मिलेंगे, लेकिन जरा-सी चूक आपके लिए नुकसानदायक हो सकती है। टेंपरेचर तेजी से नीचे आ रहा है। कोहरे और धुंध ने अस्थमा व हार्ट के मरीजों की परेशानी बढ़ा दी है। ऐसे मौसम में ऐलर्जी की भी संभावना बढ़ जाती है। इन बीमारियों से बचने के लिए खुद को एक्सपोजर से बचाने की जरूरत है।
1. भरपुर नींद लें
सर्दी हो या गर्मी इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाए रखने के लिए जरूरी है सुकून भरी नींद. आजकल की व्यस्त दिनचर्या में ज्यादातर लोग सिर्फ पांच या छह घंटे की नींद ही ले पाते हैं, जिसके कारण मोटापा और डायबिटीज जैसी बीमारियों के साथ-साथ दूसरी शारीरिक परेशानियों का भी खतरा हो सकता है. भरपूर नींद से शरीर खुद का पोषण करता है. डॉक्टर्स और डाइटीशियन के अनुसार, एक वयस्क को लगभग 7 घंटे की नींद तो लेनी ही चाहिए. नींद पूरी होगी, तो आप सेहतमंद भी रहेंगे.
2. रहें तनाव से दूर
दौड़भाग भरी ज़िन्दगी में लोगों को कई तरह के तनाव होते हैं. लेकिन यही तनाव शारीरिक और मानसिक दोनों ही तौर पर आपके लिए खतरनाक हो सकता है. अगर आप अक्सर तनाव में रहते हैं, तो सर्दी-जुकाम जैसी अन्य बीमारियां आपको जल्दी अपनी पकड़ में ले सकती हैं. थोड़ा बहुत और कभी-कभी तनाव होना खतरनाक नहीं होता है. लेकिन अगर आप हमेशा तनाव और स्ट्रेस महसूस करते हैं तो यह सही नहीं है. आपको बता दें कि जैसे-जैसे बॉडी में स्ट्रेच हार्मोन बढ़ता है, शरीर का इम्यूनिटी सिस्टम वैसे-वैसे कमजोर होता जाता है.
3. पानी का सेवन अधिक करें
अगर आपको खुद को सर्दियों में स्वस्थ रखना है, तो ज्यादा से ज्यादा पानी पियें. पूरे दिन में कम से कम 7-8 लीटर पानी ज़रूर पियें. पानी की मात्रा वबढ़ाने के लिए लिए आप मौसमी फलों के जूस, ग्रीन-टी आदि पेय पदार्थ ग्रहण कर सकते हैं. ग्रीन टी आपका इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत करती है. इसमें एंटीवायरल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं. इसीलिये इसके नियमित सेवन से वायरल और बैक्टीरियल इंफेक्शन से बचा जा सकता है.
4. लंच के बाद टहलने ज़रूर जाएं
शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए ज़रूरी है कि खाना खाने के बाद थोड़ी देर टहलें ज़रूर. डॉक्टर्स के अनुसार, एक्टिव शरीर और नियमित शारीरिक सक्रियता शरीर की रोग प्रतिरोधी क्षमता को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. इसके अलावा नियमित रूप से योग, व्यायाम या एक्सरसाइज करने वाले लोगों सर्दी-जुकाम और फ्लू कम होता है. सर्दियों की धुप शरीर के लिए ज़रूरी होती है. सूर्य की रोशनी विटामिन डी का बेहतर स्रोत है, जो हमारे इम्यून सिस्टम की कार्यप्रणाली के लिए आवश्यक है. इसलिए सर्दियों में रात के बजाय दिन में टहलना लाभकारी होता है. विटामिन डी कुछ ही खाद्य पदार्थों में पाया जाता है. विटामिन डी आपके इम्यून रिस्पांस को बढ़ा सकता है.
5. अपने आहार में शामिल करें इन चीजों को
लहसुन और अदरक दोनों ही आपके इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूती देते हैं. लहसुन प्राकृतिक एंटी वायरल और एंटी बैक्टीरियल है. यह शरीर में ऐसे एंजाइम की संख्या को बढ़ाता है जो खून को साफ करने में सहायक होते हैं. दिन में एक या दो लहसुन खाने से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है. इसके अलावा पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन लें. प्रोटीन से एंटीबॉडीज बनते हैं, जो आपके इम्यून सिस्टम की कार्यप्रणाली के लिए बहुत आवश्यक होते हैं. दालें, अंडे, मांस, डेरी उत्पाद, सोया, मछली आदि प्रोटीन के अच्छे स्रोत हैं. इतना ही नहीं खट्टे फल जैसे कि संतरी, मौसंबी, नींबू, आंवला आदि विटामिन सी से भरपूर होते हैं. हमारे शरीर में विटामिन सी की भूमिका एक संरक्षक की होती है. यह पोषक तत्व फ्री रेडिकल्स से हमारी कोशिकाओं का बचाव करता है व हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है, जिसके कारण सर्दी, खांसी व अन्य तरह के इन्फेक्शन होने का खतरा कम होता है. इसलिए सर्दियों में खट्टे फलों का सेवन जरूर करें.
6. दही का सेवन ज़रूर करें
दही में कुछ ऐसे बैक्टीरिया होते हैं, जो हमारे इम्यून सिस्टम के लिए काफी लाभदायक हैं. इसमें उच्च मात्रा में प्रीबायोटिक और प्रोबायोटिक बैक्टीरिया पाये जाते हैं, जो हमारी पाचन तंत्र के लिए लाभदायक माने जाते हैं. इतना ही नहीं, ये शरीर को विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचाते हैं. इसलिए खासतौर से सर्दियों में अपने भोजन में दही को शामिल करें और अपने इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाएं.
7. तुलसी का सेवन करें
तुलसी एंटीबायोटिक, दर्द निवारक और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी फायदेमंद है। सर्दियां शुरू होते ही रोज सुबह तुलसी के 3-5 पत्तों का सेवन करना चाहिए। ये आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाएगी और आपको सर्दियों में होने वाले इंफेक्शन्स जैसे सर्दी, जुकाम, खांसी आदि से एक सुरक्षा कवच प्रदान करेगी.
8. पहने मास्क या यूज़ करें कपड़ा
इन सब उपायों के अलावा बाहर निकलने से पहले मुंह को किसी सूती कपड़े से ज़रूर कवर करें ताकि बीमारियों के बैक्टीरिया आपके शरीर में प्रवेश न करें. या फिर आप मास्क भी पहन सकते हैं.
हाइपोथर्मिया से बचें
जब ठंड के कारण बॉडी का टेंपरेचर धीरे-धीरे कम होने लगता है, इसे हाइपोथर्मिया कहते हैं। इंसान की बॉडी का नॉर्मल टेंपरेचर 37 डिग्री सेंटिग्रेड होता है। अगर बॉडी का टेंपरेचर 35 डिग्री से कम होने लगे तो मरीज की जान जा सकती है। यह इंसान की बॉडी के इम्यून सिस्टम के कमजोर होने की स्थिति में और खतरनाक हो जाता है। इसका अटैक खासकर बच्चों और बुजुर्गों में काफी रहता है, इसलिए इस मौसम में ठंड से बच कर रहें और गर्म खाना खाएं और लिक्विड लेते रहें।
ब्लड प्रेशर का बढ़ जाता है खतरा
सर्दी की वजह से टेंपरेचर में आई कमी से ब्लड वेसल्स सिकुड़ने लगती हैं और ब्लड गहरा हो जाता है। इस कारण शरीर में ब्लड फ्लो ठीक से नहीं हो पाता है और हार्ट को शरीर मे ब्लड पहुंचाने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है। दूसरा, सर्दियों मे कोहरे के कारण प्रदूषित कणों की मात्रा भी बढ़ जाती है। इस कारण भी ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। ऐसे में जरा-सी दौड़भाग करने से ही सांस फूलने लगती है, सिरदर्द और सिर में भारीपन महसूस होता है। अगर डायबीटीज से पीड़ित हो तो मरीज को हार्ट और ब्रेन स्ट्रोक, आई हैमरेज, किडनी खराब होने का खतरा रहता है।
हार्ट अटैक का खतरा
सर्दियों में लोगों को दिल का दौरा पड़ने का खतरा ज्यादा रहता है। हार्ट के बाईं ओर से निकलने वाली धमनियां गिरते तापमान के साथ सिकुड़ने लगती हैं, जिस कारण हार्ट को ब्लड फ्लो करने के लिए अधिक प्रयास करना पड़ता है। इससे दिल पर अधिक दबाव पड़ने लगता है और यही दिल का दौरा पड़ने का कारण बनता है। ऐसी स्थिति में उन लोगों के लिए खतरा और बढ़ जाता है, जिन्हें अपने दिल की स्थिति के बारे में पहले से कोई जानकारी नहीं होती।
साइनोसाइटिस का खतरा
साइनोसाइटिस गिरते मौसम की आम बीमारी है, जो कॉमन कोल्ड की वजह से होती है। अगर आपको सिर, दांतों या गाल में लगातार दर्द होने लगे, सांस लेने में कठिनाई होने लगे या फिर सर्दी-खांसी के साथ बुखार आने लगे तो समझ जाएं कि आप साइनोसाइटिस के शिकार हो गए हैं। यह साइनस की सूजन है। साइनस हड्डियों के बीच खाली स्थान है, जहां हवा भरी होती है। ललाट, नाक की हड्डियों, गाल और आंखों के पीछे स्थित होता है यह साइनस। साइनस में जब संक्रमण हो जाता है तो उसमें सूजन आ जाती है। साइनस की इसी सूजन को साइनोसाइटिस कहा जाता है। इससे बचने का सबसे अच्छा तरीका है कि हम कॉमन कोल्ड को नजरअंदाज न करें। रोजाना तीन-चार बार स्टीम लें।
जॉइंट में दर्द का खतरा
डॉक्टर का कहना है कि ठंड की वजह से कमर, गर्दन, कंधों, हाथ-पैर के जोड़ों में दर्द होता है। सर्दी के मौसम में परेशानी और भी ज्यादा बढ़ जाती है। इससे बचाव के लिए जितना हो सके, सर्दी से खुद को बचाकर रखें।
क्या खाएं...
-गर्म चीजों का सेवन अधिक करें।
-लहसुन, प्याज, मछली, गुड़, बादाम, काजू जैसी चीजों का अधिक सेवन करें।
-खाने में कैल्शियम और प्रोटीन युक्त चीजों को प्रमुखता से शामिल करें।
-लहसुन, प्याज, मछली, गुड़, बादाम, काजू जैसी चीजों का अधिक सेवन करें।
-खाने में कैल्शियम और प्रोटीन युक्त चीजों को प्रमुखता से शामिल करें।