हमारे शरीर के 10 गैर ज़रूरी अंग। ~ Shamsher ALI Siddiquee

Shamsher ALI Siddiquee

मैं इस विश्व के जीवन मंच पर अदना सा किरदार हूँ जो अपनी भूमिका न्यायपूर्वक और मन लगाकर निभाने का प्रयत्न कर रहा है। पढ़ाई लिखाई के हिसाब से विज्ञान के इंफोर्मेशन टेक्नॉलोजी में स्नातक हूँ और पेशे से सॉफ़्टवेयर इंजीनियर हूँ तथा मेरी कंपनी में मेरा पद मुझे लीड सॉफ़्टवेयर इंजीनियर बताता है।

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हमारे शरीर के 10 गैर ज़रूरी अंग।

    


मानव शरीर तमाम अंगों, हड्डियों, कोशिकाओं, धमनियों के संयोजन से बना है। जिसका हर एक हिस्सा बेहद जरुरी है। पर पुराने इंसानों और आधुनिक मानव के बीच विकास का इतना फासला आ चुका है कि मानव शरीर के 10 अंग अब किसी काम के नहीं रह गए हैं।

1: अपेंडिक्स: इंसान को जीने के लिए खाने की जरुरत पड़ती है। और खाने को पचाने के लिए शरीर में छोटी-बड़ी आंते होती हैं। अपेंडिक्स का यूं तो कोई खास काम नहीं, है भी तो छोटा सा। पर ये अंग पथरी रोग बढ़ाने में जरुर सहायक है। जिसकी वजह से असहनीय पीड़ा होती ही है, सही समय पर इलाज न होने पर जान जाने का भी खतरा रहता है।

2:  इंसानी पूंछ: ये गैरजरुरी अंग है। इसे मानव इतिहास से भी जोड़कर देखा जाता है, जिसमें वन मानुषों को मानव का पूर्वज बताया जाता है।

3: पैरानसल साइनस: सांस लेते समय जो दबाव नाक में महसूस होता है, वो इसी की वजह से है। पर इससे कोई वैज्ञानिक लाभ मानव शरीर को नहीं मिलता। हां, कुछ प्रयोगों में इसे आवाज से जोड़ देखा जाता है, गाते समय हवा की गति को नियंत्रित करता है।

4: टोंसिल्स: टोंसिल मलतब गालों का अंदरुनी हिस्सा। टोंसिल्स मुंह में दोनों तरफ अक्ल दांत के बगल में होता है। जो मांस के टुकड़े के रूप में है। इसकी वजह से मुंह में इंफेक्शन तेजी से फैलता है। क्योंकि यहां कीटाणुओं को सुरक्षित जगह मिल जाती है।

5:  एरेक्टर पिली मस्कल्स: ये हिस्सा रोमछिद्रों से जुड़ा होता है। माना जाता है कि इसे शरीर के ताप को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है। अब जबकि मानव शरीर पर बाल बहुत कम होते हैं ऐसे में इस अंग की भी कोई खास जरुरत नहीं जान पड़ती।

6: अक्ल का दांत: ये दांत 17 से 25 साल की उम्र में निकलता है। जिसके निकलने के समय बहुत दर्द होता है। एक तरफ मानव का सर छोटा होता जा रहा है, तो दूसरी तरफ अक्ल के दांत की भी कोई जरूरत नहीं दिखती। क्योंकि मानव का खानपान पूरी तरह से बदल गया है। और फिर अक्ल का दांत खराब भी जल्दी होता है।

7: पलमेरिज मांसपेशी: ये मांसपेशी हाथ में होती है, जो पकड़ बनाने के दौरान काम करती है। एक रिसर्च के मुताबिक दुनिया की 14 फीसदी आबादी के हाथों में से ये मांसपेशी गायब हो चुकी है। और उन्हें किसी भी चीज को पकड़ने में दिक्कत नहीं होती। इस मांसपेशी को महसूस करना हो तो आप सबसे छोटी उंगली को हथेली से छुआने की कोशिश करें।

8: प्लिका सेमिलुनारिस या नेत्रझिल्ली: इसे तीसरी आंख भी करते हैं। क्योंकि जोर देकर आंखो को मिलाने पर तीसरी आंख के खुलने सा आभास होता है। प्लिका सेमिलुनारिस आंखों को दिशा देने का काम करती है।

9: सबक्लैवियस मांसपेशी: ये मांसपेशी हमारे सीने पर फेफड़े की हड्डियों के ऊपर होती है। जो कंधे को बैलेंस करती हैं। ये मांसपेशियां मानव के 4 पैरों पर चलने के समय बेहद उपयोगी थी। पर अब इसका कुछ खास इस्तेमाल नहीं है। मौजूदा समय में बहुत सारे लोगों में ये मांसपेशी होती ही नहीं।

10: पुरुष स्तन: पुरुष स्तन का मानव शरीर में कोई काम नहीं है। गर्भ के 6वें सप्ताह में ही पता चल जाता है कि गर्भस्थ शिशु बालक होगी या बालिका। और इसी समय बालक गर्भ में इसका विकास रुक जाता है। वैसे, पुरुष स्तन का तो कोई काम है नहीं, पर ये पुरुषों में स्तन कैंसर का जरिया जरुर बन जाती है।

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