जन्नत की आरज़ू में कहाँ जा रहे हैं लोग
जन्नत तो कर्बला में खरीदी "हुसैन" ने।
दुनिया ओ आख़रत में जो रहना हो चैन से
जीना "अली" से सीखो मरना "हुसैन" से।।
पैदा हुए तो हक़ से शरियत ख़रीद ली,
जब हो गए जवाँ तो इमामत खरीद ली।।।
मादर से कुल्ब बाप से ताक़त ख़रीद ली,
सर देके राहे हक़ में शहादत खरीद ली
और नाना के दो नवाशों ने ये उम्मत खरीद ली।।।।
मुहर्रम/आशूरा