क्या आप जानते हैं आखिर स्कूल में झंडारोहण करने के क्या नियम हैं... ~ Shamsher ALI Siddiquee

Shamsher ALI Siddiquee

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क्या आप जानते हैं आखिर स्कूल में झंडारोहण करने के क्या नियम हैं...

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15 अगस्त हो या 26 जनवरी, इस दिन सबसे अहम कार्य होता है झंडारोहण. सभी स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों में इस दिन झंडा फहराया जाता है. झंडारोहण का कार्यक्रम हर स्कूल में अलग-अलग तरीके से होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं स्कूलों में झंडा फहराने के भी नियम होते हैं, जिसके अनुसार ही झंडारोहण का कार्यक्रम आयोजित करना होता है. आइए जानते हैं वो कौन-कौन से नियम हैं...


भारतीय झंडा संहिता 2002 के अनुसार, शैक्षणिक संस्थानों में झंडा फहराने के नियम हैं. झंडारोहण के वक्त इसका पालन करना आवश्यक होता है. नियमों के अनुसार, शैक्षिक संस्थाओं (स्कूल, कॉलेज, खेल शिविर, स्काउट शिविर आदि) में राष्ट्रीय झंडा फहराया जाना चाहिए, ताकि मन से झंडे का सम्मान करने कि लए प्रेरणा दी जा सके. जिसके लिए ये हिदायतें हैं...
- सबसे पहले स्कूल के विद्यार्थी एक स्थान पर खड़े होकर एक खुला वर्गाकार (चोकोर शेप) बनाएंगे. इस वर्ग में 3 तरफ विद्यार्थी खड़े होंगे और चौथी तरफ बीच में झंडा होगा.
- वहीं प्रिंसिपल या हेडमास्टर या झंडे को फहराने वाला गणमान्य व्यक्ति झंडे से तीन कदम पीछे खड़े होंगे.
- वहीं अन्य छात्र का कक्षा के आधार पर ग्रुप के आधार पर खड़े होंगे और वो एक के पीछे एक खड़े होंगे. इसमें क्लास का एक स्टूडेंट अपनी क्लास की पहली लाइन के दाईं साइड में खड़ो होगा और क्लास टीचर अपनी क्लास की आखिरी लाइन में तीन कदम पीछे खड़ा होगा.
- हर लाइन के बीच कम से कम एक कदम यानी 30 इंच का फासला होना चाहिए और हर क्लास के बीच समान गैप होना चाहिए.
- हर कक्षा का मॉनिटर आगे बढ़कर स्कूल के चुने हुए छात्र नेता का अभिवादन करेगा. जब सभी कक्षाएं तैयार हो जायें तो स्कूल का छात्र नेता प्रधानाध्यापक की ओर बढ़कर उनका अभिवादन करेगा और प्रधानाध्यापक, अभिवादन का उत्तर देगा. इसके बाद मुख्य अतिथि (यदि प्रधानाध्यापक के अलावा कोई और है) द्वारा झंडा फहराया जायेगा. इसमें स्कूल का छात्र-नेता सहायता कर सकता है.
- स्कूल का छात्र नेता, जिसे परेड की जिम्मेदारी दी गई है, वो झंडा फहराने के ठीक पहले, परेड को सावधान या अटेंशन में आने की आज्ञा देगा और झंडे को लहराने पर परेड को झंडे को सलामी देने की आज्ञा देगा. परेड कुछ देर तक सलामी की अवस्था में रहेगी और फिर 'कमान' आने पर सावधान की अवस्था में आ जाएगी.
- झंडे को सलामी देने के बाद राष्ट्रगान होगा और इस दौरान परेड सावधान की अवस्था में रहेगी. शपथ लेने के सभी अवसरों पर शपथ राष्ट्रगान के बाद ली जाएगी. शपथ लेने के वक्त सभा सावधान की अवस्था में खड़ी रहेगी.

राष्ट्रीय ध्वज फहराने के हैं ये 10 खास नियम:

2002 से पहले आम लोगों को सिर्फ स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर तिरंगा फहराने की छूट थी। 26 जनवरी 2002 को इंडियन फ्लैग कोड में संशोधन किया गया, जिसके बाद अब कोई भी नागरिक किसी भी दिन झंडा फहरा सकता है। आपको बता दें कि तिरंगा फहराने के भी कुछ नियम हैं। जानिए क्या हैं ये...
1. झंडा हाथ से काते और बुने गए ऊनी, सूती, सिल्क या खादी से बना होना चाहिए। झंडे का आकार आयताकार होना चाहिए। इसकी लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 का होना चाहिए। केसरिया रंग को नीचे की तरफ करके झंडा लगाया या फहराया नहीं जा सकता।
2. सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच ही तिरंगा फहराया जा सकता है। झंडे को कभी भी जमीन पर नहीं रखा जा सकता। झंडे को आधा झुकाकर नहीं फहराया जाएगा सिवाय उन मौकों के जब सरकारी इमारतों पर झंडे को आधा झुकाकर फहराने के आदेश जारी किए गए हों।
3. झंडे को कभी पानी में नहीं डुबोया जा सकता। किसी भी तरह फिजिकल डैमेज नहीं पहुंचा सकते। झंडे के किसी भाग को जलाने, नुकसान पहुंचाने के अलावा मौखिक या शाब्दिक तौर पर इसका अपमान करने पर तीन साल तक की जेल या जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं।
4. झंडे का कमर्शल इस्तेमाल नहीं कर सकते। किसी को सलामी देने के लिए झंडे को झुकाया नहीं जाएगा। अगर कोई शख्स झंडे को किसी के आगे झुका देता हो, उसका वस्त्र बना देता हो, मूर्ति में लपेट देता हो या फिर किसी मृत व्यक्ति (शहीद आर्म्ड फोर्सेज के जवानों के अलावा) के शव पर डालता हो, तो इसे तिरंगे का अपमान माना जाएगा।
5. तिरंगे की यूनिफॉर्म बनाकर पहनना गलत है। अगर कोई शख्स कमर के नीचे तिरंगे को कपड़ा बनाकर पहनता हो तो यह भी अपमान है। तिरंगे को अंडरगार्मेंट्स, रुमाल या कुशन आदि बनाकर भी इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
6. झंडे पर किसी तरह के अक्षर नहीं लिखे जाएंगे। खास मौकों और राष्ट्रीय दिवसों जैसे गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के मौके पर झंडा फहराए जाने से पहले उसमें फूलों की पंखुड़ियां रखने में कोई आपत्ति नहीं है।
7. किसी कार्यक्रम में वक्ता की मेज को ढकने या मंच को सजाने में झंडे का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। गाड़ी, रेलगाड़ी या वायुयान की छत, बगल या पीछे के हिस्से को ढकने में यूज नहीं कर सकते। झंडे का इस्तेमाल किसी इमारत में पर्दा लगाने के लिए नहीं किया जा सकता।
8. फहराए गए झंडे की स्थिति सम्मानजनक बरकरार होनी चाहिए। फटा या मैला-कुचैला झंडा नहीं फहराया जाना चाहिए। झंडा फट जाए, मैला हो जाए तो उसे एकांत में मर्यादित तरीके से पूरी तरह नष्ट कर दिया जाए।
9. यदि झंडे को किसी मंच पर फहराया जाता है, तो उसे इस प्रकार लगाया जाना चाहिए कि जब वक्ता का मुंह श्रोताओं की ओर हो तो झंडा उसके दाहिनी ओर रहे। एक तरीका यह भी है कि झंडे को वक्ता के पीछे दीवार के साथ और उससे ऊपर लेटी हुई स्थिति में प्रदर्शित किया जाए।
10. किसी दूसरे झंडे या पताका को राष्ट्रीय झंडे से ऊंचा या उससे ऊपर या उसके बराबर नहीं लगाया जा सकता। इसके अलावा, फूल, माला, प्रतीक या अन्य कोई वस्तु झंडे के पोल के ऊपर रखी जाए।